वो सभी रेलवे स्टेशन पे खड़े ट्रेन का इंतज़ार कर रहे थे | पता नहीं क्या हुआ की ट्रेन आई सभी दोस्त ट्रेन में चढ़ने के लिए भागे |पता नहीं कैसे वो पटरी पे गिर गई और गाड़ी उस की टांगो से गुजरती हुई निकल गई |
सभी दोस्त गाड़ी से उतर गए और उसे देख सन्न रह गए | उसकी दोनों टाँगे कट चुकी थी | फिर भी वो चिल्ला रही थी मुझे हस्पताल ले के चलो | उसके दोस्त जब उसे उठा के हस्पताल ले जाने लगे तो वो फिर चिल्लाई मेरी टांगें उठाओ | कमाल का हौसला था | दोस्तों ने पटरी के दूसरी ओर से उसकी टांगें उठाई और हस्पताल ले गए | सभी दोस्त और लोग जो उसके साथ आये थे सन्न रह गए यह हादसा देख कर | कहाँ कुछ देर पहले सभी खिलखिला रहे थे और कहाँ अब दुआएं मांग रहे थे | डाक्टरों ने फटाफट उसे ओपरेशन थियटर में पहुँचाया और सरजरी में जुट गए | उसकी एक टांग ही जोड़ पाए दूसरी टांग नहीं जोड़ सके वो |
अगर वो स्टेशन पे नहीं चिल्लाती की मेरी टाँगे भी ले चलो तो शायद वो दोनों टांगों से महरूम हो जाती | ऐसा साहस विरले लोगों में ही होता है | वर्ना खून से लथपथ एक २२ वर्ष की लड़की तो यूँ ही होश खो बैठती | अभी हस्पताल में उसका तीसरा दिन था कि वो छुट्टी मांगने लगी | डॉक्टर और माँ बाप हैरान कि क्या करें पर वो डॉक्टर की मिन्नतें कर रही थी नहीं मुझे ३ घंटे की छुट्टी दे दीजिये मेरा आज आखरी इम्तिहान है | मुझे जाने दो वरना मेरा सारा साल खराब हो जायेगा | डॉक्टर भेजने को तैयार नहीं थे | सभी समझा समझा कर थक गए कि जान बच गई यही बहुत है | वो नहीं मानी अन्त में डॉक्टर ने छुट्टी दे दी इम्तिहान में जाने की और वो उसी हालत में जा के अपनी परीक्षा दे के वापिस हस्पताल आ गई | कमाल का हौसला है इस लड़की का | यह महज एक घटना ही नहीं बहुत बड़ी प्रेरणा है कि जो चला गया उसका दुःख बाद में कर लेना जो बच गया उसे तो बचाओ | अगर वो लड़की अपने दोस्तों को अपनी कटी टांगें उठाने को न कहती तो शायद वो दोनों टाँगें खो बैठती , अपने हौसले के दम पे उसने एक टांग तो बचा ली | मुझे तो इस घटना से बहुत प्रेरणा मिली और आज भी मेर दिमाग में अंकित है यह घटना | प्रेरणा मिलती है बस नजरिया चाहिए जीवन में हर पल हर क्षण प्रेरणा देता है हमें | सलाम है ऐसे जज्बे को |
सभी दोस्त गाड़ी से उतर गए और उसे देख सन्न रह गए | उसकी दोनों टाँगे कट चुकी थी | फिर भी वो चिल्ला रही थी मुझे हस्पताल ले के चलो | उसके दोस्त जब उसे उठा के हस्पताल ले जाने लगे तो वो फिर चिल्लाई मेरी टांगें उठाओ | कमाल का हौसला था | दोस्तों ने पटरी के दूसरी ओर से उसकी टांगें उठाई और हस्पताल ले गए | सभी दोस्त और लोग जो उसके साथ आये थे सन्न रह गए यह हादसा देख कर | कहाँ कुछ देर पहले सभी खिलखिला रहे थे और कहाँ अब दुआएं मांग रहे थे | डाक्टरों ने फटाफट उसे ओपरेशन थियटर में पहुँचाया और सरजरी में जुट गए | उसकी एक टांग ही जोड़ पाए दूसरी टांग नहीं जोड़ सके वो |
अगर वो स्टेशन पे नहीं चिल्लाती की मेरी टाँगे भी ले चलो तो शायद वो दोनों टांगों से महरूम हो जाती | ऐसा साहस विरले लोगों में ही होता है | वर्ना खून से लथपथ एक २२ वर्ष की लड़की तो यूँ ही होश खो बैठती | अभी हस्पताल में उसका तीसरा दिन था कि वो छुट्टी मांगने लगी | डॉक्टर और माँ बाप हैरान कि क्या करें पर वो डॉक्टर की मिन्नतें कर रही थी नहीं मुझे ३ घंटे की छुट्टी दे दीजिये मेरा आज आखरी इम्तिहान है | मुझे जाने दो वरना मेरा सारा साल खराब हो जायेगा | डॉक्टर भेजने को तैयार नहीं थे | सभी समझा समझा कर थक गए कि जान बच गई यही बहुत है | वो नहीं मानी अन्त में डॉक्टर ने छुट्टी दे दी इम्तिहान में जाने की और वो उसी हालत में जा के अपनी परीक्षा दे के वापिस हस्पताल आ गई | कमाल का हौसला है इस लड़की का | यह महज एक घटना ही नहीं बहुत बड़ी प्रेरणा है कि जो चला गया उसका दुःख बाद में कर लेना जो बच गया उसे तो बचाओ | अगर वो लड़की अपने दोस्तों को अपनी कटी टांगें उठाने को न कहती तो शायद वो दोनों टाँगें खो बैठती , अपने हौसले के दम पे उसने एक टांग तो बचा ली | मुझे तो इस घटना से बहुत प्रेरणा मिली और आज भी मेर दिमाग में अंकित है यह घटना | प्रेरणा मिलती है बस नजरिया चाहिए जीवन में हर पल हर क्षण प्रेरणा देता है हमें | सलाम है ऐसे जज्बे को |